Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2013

Preet Key Phool

प्रीत के फूल  कुछ शिकवें हैं   नासूर से, अंगारों से  दफ्न हैं मेरी सिम्त में  दहकते सिन्दूरी लाल  ना छेड़ो इन्हें कि ज्वालामुखी फूट जाएंगे  इंतेज़ार है तो बस उस बरसात का  जब ये दह्कते शोले बर्फ़ हो जायेंगे  इस ग़र्म बेनूर राख़  में  प्रीत भरे रिश्तों के फूल खिल आएंगे  -मीनाक्षी 

Hope Seeks Despair

I am desperate For you I believe So are you The rain pours there On the most dry patch In the darkest backdrop The spark Illuminates the most If there is despair Hope stays just the next door When I seek you Wholeheartedly, insanely You will appear Absolutely, Abundantly